“दस्तावेज़ में कभी इस्तेमाल न करें ये 5 फ़ॉन्ट: पेशेवर नहीं दिखेंगे आप!”

webmaster

문서 작성 시 사용할 수 없는 폰트 사례 - **Prompt:** A young, female graphic designer, in her mid-20s, with short, stylish auburn hair and we...

अरे मेरे प्यारे दोस्तों! क्या आप भी कभी यह सोचते हैं कि आपके बनाए हुए डॉक्यूमेंट्स या प्रेजेंटेशन उतनी प्रोफेशनल क्यों नहीं दिखती जितनी दिखनी चाहिए? मुझे भी पहले ऐसा ही लगता था!

मैंने अपने अनुभवों से यह बात सीखी है कि कई बार इसकी सबसे बड़ी वजह होती है, हमारे द्वारा चुने गए फोंट्स. सही फोंट का चुनाव आपके काम को एक नई पहचान दे सकता है, वहीं गलत फोंट आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है.

हम अक्सर सुंदरता के चक्कर में कुछ ऐसे फोंट्स चुन लेते हैं, जो पढ़ने में मुश्किल होते हैं और पूरी इमेज खराब कर देते हैं. आज मैं आपको कुछ ऐसे फोंट्स के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिनसे आपको हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए.

चलिए, आज इसी राज़ से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि किन फोंट्स से हमें दूर रहना चाहिए!

आपके डॉक्यूमेंट्स की चमक फीकी करने वाले फोंट्स

문서 작성 시 사용할 수 없는 폰트 사례 - **Prompt:** A young, female graphic designer, in her mid-20s, with short, stylish auburn hair and we...

पुराने ज़माने के और बहुत ज़्यादा स्टाइलिश फोंट्स

दोस्तों, कभी-कभी हमें लगता है कि कोई फोंट जितना ज़्यादा डिज़ाइनर होगा, उतना ही वो हमारे काम को खास बनाएगा. लेकिन मेरा अपना अनुभव कहता है कि ऐसा सोचना एक बहुत बड़ी गलती हो सकती है!

जब हम अपने प्रोफेशनल डॉक्यूमेंट्स, जैसे कि रेज़्यूमे, बिज़नेस प्रपोज़ल या किसी रिपोर्ट के लिए Papyrus, Comic Sans, या Curlz जैसे फोंट्स चुनते हैं, तो उनका पूरा असर ही खत्म हो जाता है.

ये फोंट्स भले ही किसी क्रिएटिव प्रोजेक्ट, बच्चों की पार्टी के निमंत्रण या किसी फन एक्टिविटी के लिए ठीक हों, लेकिन एक गंभीर माहौल में ये बिल्कुल बचकाने लगते हैं.

मैं आपको बताऊं, मुझे एक बार एक बिज़नेस प्रपोज़ल मिला था जो Comic Sans में लिखा था. सच कहूँ तो, उसे देखते ही मेरी आधी गंभीरता तो वहीं खत्म हो गई थी! ऐसा लगता है जैसे किसी बच्चे ने अपना होमवर्क भेजा हो, न कि कोई कंपनी अपनी सेवाएं दे रही हो.

ये फोंट्स पढ़ने में इतने मुश्किल होते हैं कि पाठक की आँखें थक जाती हैं और वो आपके मैसेज पर ध्यान ही नहीं दे पाता. मेरा मानना है कि आपके कंटेंट की गंभीरता फोंट से भी झलकनी चाहिए, न कि फोंट ही आपके कंटेंट से ज़्यादा शोर मचाने लगे.

अनजान और डिवाइस-असंगत फोंट्स

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका बनाया हुआ डॉक्यूमेंट किसी और के कंप्यूटर पर खोलने पर अजीब क्यों दिखता है? फोंट बदलने से टेक्स्ट का अलाइनमेंट और स्पेसिंग बिगड़ जाती है.

यह तब होता है जब आप ऐसा फोंट इस्तेमाल करते हैं जो सभी सिस्टम या डिवाइस पर सपोर्ट नहीं करता. मुझे याद है जब मैंने एक बार एक प्रेजेंटेशन अपने दोस्त को भेजी थी, और उसके लैपटॉप पर सब कुछ अलग-अलग दिख रहा था.

मेरी सारी मेहनत पर पानी फिर गया था! इसलिए, हमेशा ऐसे फोंट्स का चुनाव करें जो हर जगह, हर डिवाइस पर सही दिखें. यह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन यह आपके काम की विश्वसनीयता और प्रभाव को बहुत बढ़ा देती है.

कुछ फोंट्स सिर्फ़ कुछ खास सिस्टम पर ही दिखते हैं, और जब वे किसी दूसरे सिस्टम पर नहीं मिलते, तो सिस्टम अपने आप कोई डिफ़ॉल्ट फोंट लगा देता है, जो आपके पूरे डिज़ाइन को खराब कर सकता है.

पढ़ने में मुश्किल, आँखें थक जाएँ: इन फोंट्स से बचें

बहुत ज़्यादा पतला या बहुत ज़्यादा मोटा फोंट

मैंने अक्सर देखा है कि लोग अपने डॉक्यूमेंट्स को ‘मॉडर्न’ या ‘मिनिमलिस्ट’ दिखाने के चक्कर में इतने पतले फोंट चुन लेते हैं कि उन्हें पढ़ना एक चुनौती बन जाता है.

खासकर, जब स्क्रीन पर या कम रोशनी में इन्हें पढ़ना हो, तो आँखों पर बहुत ज़ोर पड़ता है. दूसरी तरफ, कुछ लोग सोचते हैं कि जितना मोटा फोंट होगा, उतना ही उनका मैसेज ‘इम्पोर्टेंट’ लगेगा.

लेकिन सच कहूँ तो, बहुत ज़्यादा बोल्ड या मोटा फोंट भी पढ़ने वाले को थका देता है और उसे ऐसा लगता है जैसे उस पर चिल्लाया जा रहा हो. बैलेंस बहुत ज़रूरी है.

मेरी सलाह है कि आप ऐसे फोंट्स चुनें जिनकी मोटाई (weight) मीडियम हो, ताकि वे आसानी से पढ़े जा सकें और आँखों को सुकून दें. मेरा खुद का अनुभव बताता है कि जब आप मीडियम वेट वाले sans-serif फोंट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो डिजिटल डॉक्यूमेंट्स में रीडेबिलिटी काफी बढ़ जाती है.

डिस्प्ले या सजावटी फोंट्स का गलत उपयोग

डिस्प्ले फोंट्स डिज़ाइन में जान डालने का काम करते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. मैंने कई बार देखा है कि लोग इन्हें हेडिंग्स के बजाय पूरे पैराग्राफ में इस्तेमाल कर लेते हैं, जो किसी भी डॉक्यूमेंट को अव्यवस्थित और पढ़ने में असहज बना देता है.

कल्पना कीजिए, एक लंबी रिपोर्ट पूरी तरह से ऐसे फोंट में लिखी हो जो सिर्फ़ एक-दो शब्दों के लिए बना हो – क्या आप उसे पूरा पढ़ेंगे? शायद नहीं! इन फोंट्स का काम होता है ध्यान खींचना, न कि कंटेंट को मुश्किल बनाना.

इन्हें सिर्फ़ टाइटल, लोगो, या छोटे-छोटे डिज़ाइन एलिमेंट्स के लिए इस्तेमाल करें. मुझे याद है, एक बार एक ब्रोशर में मैंने देखा, मेन बॉडी टेक्स्ट भी ऐसे ही एक सजावटी फोंट में लिखा था, मुझे उसे पढ़ने में इतनी दिक्कत हुई कि मैंने बीच में ही छोड़ दिया.

आपके डिज़ाइन की 50% इंप्रेशन सिर्फ़ फ़ॉन्ट पर डिपेंड करती है.

Advertisement

आपके ब्रांड की इमेज खराब करने वाले फोंट

गंभीर विषयों के लिए बचकाने फोंट्स

दोस्तों, जैसा कि हम सब जानते हैं, हर फोंट का अपना एक मिजाज़ होता है. कुछ फोंट्स मस्ती भरे होते हैं, कुछ गंभीर, और कुछ एकदम औपचारिक. जब आप एक बिज़नेस प्रेजेंटेशन या कोई लीगल डॉक्यूमेंट बना रहे हों, तो Comic Sans जैसे फोंट्स का इस्तेमाल करना आपकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सकता है.

लोग इसे अक्सर बचकाना और गैर-पेशेवर मानते हैं. मुझे एक बार एक कानूनी नोटिस मिला था जिसमें एक फोंट का इस्तेमाल किया गया था जो बहुत ही हल्का और मज़ाकिया लग रहा था.

सोचिए, क्या आप ऐसी चीज़ को गंभीरता से ले पाएंगे? बिल्कुल नहीं! आपका फोंट आपके ब्रांड की पहचान होता है.

अगर आप चाहते हैं कि लोग आपके काम को गंभीरता से लें, तो आपके फोंट भी वैसे ही होने चाहिए. मुझे लगता है कि यह एक ऐसी गलती है जिससे हर कीमत पर बचना चाहिए.

कॉपीराइट वाले या कम उपलब्धता वाले फोंट्स

एक और बात जो मुझे अक्सर परेशान करती है, वो है कॉपीराइट वाले या बहुत कम उपलब्ध फोंट्स का इस्तेमाल. आप किसी फोंट को बहुत पसंद करते हैं और उसे अपने ब्रांड के लिए चुन लेते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उसे हर जगह इस्तेमाल करने की लाइसेंसिंग बहुत महंगी है, या फिर वो दूसरों के सिस्टम पर दिखता ही नहीं.

यह आपके ब्रांड की कंसिस्टेंसी को खराब कर सकता है. मेरी राय में, Google Fonts जैसे प्लेटफॉर्म से फ्री और व्यापक रूप से उपलब्ध फोंट्स चुनना हमेशा एक अच्छा विचार होता है.

इससे आपको भविष्य में कोई परेशानी नहीं होती और आपका काम हर जगह एक जैसा दिखता है. मुझे एक बार ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करने का अनुभव हुआ था जहाँ क्लाइंट ने एक बहुत ही अनोखा फोंट चुना था, लेकिन बाद में पता चला कि वह प्रिंटिंग के लिए उपलब्ध ही नहीं था!

तब हमें आखिरी समय में सब कुछ बदलना पड़ा, जिसमें बहुत समय और पैसा बर्बाद हुआ.

गलत फोंट समस्या प्रभाव
Comic Sans, Papyrus बचकाना, गैर-पेशेवर क्रेडिबिलिटी कम करता है, पाठक गंभीरता से नहीं लेते.
बहुत पतला/मोटा फोंट पढ़ने में मुश्किल, आँखों पर ज़ोर पाठक जल्दी थक जाता है, कंटेंट स्किप कर सकता है.
अत्यधिक सजावटी फोंट अव्यवस्थित, मुख्य संदेश से ध्यान भटकाता है डिज़ाइन को खराब करता है, कंटेंट समझ में नहीं आता.
अनजान/डिवाइस-असंगत फोंट हर जगह एक जैसा नहीं दिखता डॉक्यूमेंट की फॉर्मेटिंग बिगड़ जाती है, ब्रांड इमेज खराब होती है.

प्रेजेंटेशन में सबसे बड़ी गलती: गलत फोंट

बहुत छोटे या अस्पष्ट फोंट

सोचिए, आप एक बड़ी प्रेजेंटेशन दे रहे हैं, और पीछे बैठे लोगों को स्क्रीन पर दिख रही चीज़ें ठीक से दिख ही नहीं रही हैं. कितनी अजीब बात होगी, है ना? मैंने खुद कई बार ऐसी प्रेजेंटेशन देखी हैं जहाँ फोंट इतने छोटे या इतने धुंधले होते हैं कि पीछे वाली लाइन में बैठे व्यक्ति को कुछ समझ ही नहीं आता.

ऐसे में आपकी सारी मेहनत, आपकी जानकारी, सब बेकार हो जाती है. प्रेजेंटेशन का मतलब है कि आपकी बात हर किसी तक पहुंचे, और इसके लिए फोंट का साइज और उसकी स्पष्टता बहुत मायने रखती है.

मेरा अनुभव है कि 18-24 पॉइंट का फोंट साइज़ आमतौर पर सबसे अच्छा रहता है, और अगर आप कोई विशेष जानकारी देना चाहते हैं तो उसे थोड़ा और बड़ा कर सकते हैं.

एक साथ बहुत सारे फोंट्स का प्रयोग

कई बार लोग सोचते हैं कि अगर वे अपनी प्रेजेंटेशन में अलग-अलग तरह के फोंट्स का इस्तेमाल करेंगे तो वह बहुत आकर्षक लगेगी. लेकिन दोस्तों, यह एक बहुत बड़ी गलती है!

एक ही प्रेजेंटेशन में तीन या चार से ज़्यादा फोंट्स का इस्तेमाल करना उसे बहुत ही अनप्रोफेशनल और अस्त-व्यस्त बना देता है. ऐसा लगता है जैसे किसी ने हर स्लाइड पर कुछ नया करने की कोशिश की हो और अंत में सब गड़बड़ हो गया हो.

मेरे हिसाब से, दो फोंट्स का कॉम्बिनेशन सबसे अच्छा रहता है – एक हेडिंग के लिए और दूसरा बॉडी टेक्स्ट के लिए. इससे एक संतुलन बना रहता है और आपकी प्रेजेंटेशन देखने में भी अच्छी लगती है और पढ़ने में भी आसान होती है.

Advertisement

जब फोंट आपकी बात से ज़्यादा शोर मचाएँ

अस्पष्ट टाइपोग्राफी जो कंटेंट से भटकाए

फोंट का चुनाव सिर्फ़ स्टाइल के लिए नहीं, बल्कि पढ़ने की सहूलियत (readability) के लिए भी होता है. मैंने ऐसे डॉक्यूमेंट्स देखे हैं जहाँ फोंट की स्टाइल इतनी अजीब होती है कि आपको उसे समझने में ही दिमाग लगाना पड़ता है.

ऐसा लगता है जैसे फोंट खुद ही अपनी कहानी सुना रहा हो, और असली कंटेंट कहीं पीछे छूट गया हो. मेरा मानना है कि फोंट ऐसा होना चाहिए जो आपके कंटेंट को सपोर्ट करे, न कि उससे प्रतिस्पर्धा करे.

जब फोंट बहुत ज़्यादा चमक-दमक वाला होता है या उसकी बनावट बहुत जटिल होती है, तो पाठक का ध्यान कंटेंट से हटकर फोंट की तरफ चला जाता है, और यह आपके मैसेज के लिए अच्छा नहीं होता.

अनाड़ी फ़ॉन्ट पेयरिंग

फोंट्स को एक साथ इस्तेमाल करना, यानी फ़ॉन्ट पेयरिंग, एक कला है. अगर इसे सही तरीके से न किया जाए, तो यह आपके डॉक्यूमेंट को बहुत खराब दिखा सकता है. मुझे याद है, एक बार एक न्यूज़लेटर में मैंने देखा कि हेडिंग के लिए एक बहुत ही फैंसी, डेकोरेटिव फोंट था और उसके ठीक नीचे बॉडी टेक्स्ट के लिए एक बहुत ही साधारण, सपाट फोंट का इस्तेमाल किया गया था.

यह बिल्कुल बेमेल लग रहा था और पढ़ने में भी अच्छा नहीं लग रहा था. जैसे कपड़े पहनते समय हम रंगों और स्टाइल का ध्यान रखते हैं, वैसे ही फोंट्स के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए.

Serif और Sans-serif फोंट्स का सही कॉम्बिनेशन आमतौर पर अच्छा काम करता है, लेकिन इसे समझदारी से चुनना बहुत ज़रूरी है. आपको ऐसे फोंट्स चुनने चाहिए जो एक-दूसरे के पूरक हों, न कि एक-दूसरे से लड़ते हुए दिखें.

फोंट जो आपकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाएँ

असंगत फोंट स्टाइल और साइज़

एक प्रोफेशनल डॉक्यूमेंट या प्रेजेंटेशन में consistency बहुत मायने रखती है. यदि आप अपने डॉक्यूमेंट में हर पैराग्राफ या हर सेक्शन में अलग-अलग फोंट स्टाइल और साइज़ का उपयोग करते हैं, तो यह बहुत ही गैर-पेशेवर लगता है.

मेरा अनुभव कहता है कि ऐसा करने से पाठक को लगता है कि आपने डॉक्यूमेंट पर ठीक से काम नहीं किया है या आप लापरवाह हैं. इससे आपकी विश्वसनीयता कम हो जाती है.

आपको यह तय करना चाहिए कि आप हेडिंग के लिए कौन सा फोंट इस्तेमाल करेंगे, सब-हेडिंग के लिए कौन सा, और बॉडी टेक्स्ट के लिए कौन सा. साथ ही, उनके साइज़ भी एक जैसे होने चाहिए.

यह छोटी सी बात आपके काम को बहुत ही पॉलिश और विश्वसनीय दिखा सकती है.

खराब रीडेबिलिटी वाले स्क्रिप्ट फोंट्स

स्क्रिप्ट फोंट्स, जो हाथ से लिखे हुए जैसे दिखते हैं, बहुत खूबसूरत हो सकते हैं, लेकिन इनकी रीडेबिलिटी अक्सर बहुत खराब होती है. इन्हें पढ़ना बहुत मुश्किल होता है, खासकर जब टेक्स्ट लंबा हो या साइज़ छोटा हो.

मुझे एक बार एक इनविटेशन मिला था जिसमें सारी जानकारी ऐसे ही एक स्क्रिप्ट फोंट में लिखी थी, और मुझे उसे पढ़ने के लिए बहुत ज़ोर लगाना पड़ा. ऐसे फोंट्स का इस्तेमाल सिर्फ़ बहुत छोटे, सजावटी टेक्स्ट, जैसे कि किसी नाम या किसी विशेष कोटेशन के लिए ही करें.

मुख्य जानकारी के लिए हमेशा ऐसे फोंट्स चुनें जो पढ़ने में आसान हों, भले ही वे थोड़े कम “कलात्मक” लगें. आखिरकार, आपके मैसेज को समझना सबसे ज़रूरी है. अरे मेरे प्यारे दोस्तों!

क्या आप भी कभी यह सोचते हैं कि आपके बनाए हुए डॉक्यूमेंट्स या प्रेजेंटेशन उतनी प्रोफेशनल क्यों नहीं दिखती जितनी दिखनी चाहिए? मुझे भी पहले ऐसा ही लगता था!

मैंने अपने अनुभवों से यह बात सीखी है कि कई बार इसकी सबसे बड़ी वजह होती है, हमारे द्वारा चुने गए फोंट्स. सही फोंट का चुनाव आपके काम को एक नई पहचान दे सकता है, वहीं गलत फोंट आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है.

हम अक्सर सुंदरता के चक्कर में कुछ ऐसे फोंट्स चुन लेते हैं, जो पढ़ने में मुश्किल होते हैं और पूरी इमेज खराब कर देते हैं. आज मैं आपको कुछ ऐसे फोंट्स के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिनसे आपको हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए.

चलिए, आज इसी राज़ से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि किन फोंट्स से हमें दूर रहना चाहिए!

Advertisement

आपके डॉक्यूमेंट्स की चमक फीकी करने वाले फोंट्स

पुराने ज़माने के और बहुत ज़्यादा स्टाइलिश फोंट्स

दोस्तों, कभी-कभी हमें लगता है कि कोई फोंट जितना ज़्यादा डिज़ाइनर होगा, उतना ही वो हमारे काम को खास बनाएगा. लेकिन मेरा अपना अनुभव कहता है कि ऐसा सोचना एक बहुत बड़ी गलती हो सकती है! जब हम अपने प्रोफेशनल डॉक्यूमेंट्स, जैसे कि रेज़्यूमे, बिज़नेस प्रपोज़ल या किसी रिपोर्ट के लिए Papyrus, Comic Sans, या Curlz जैसे फोंट्स चुनते हैं, तो उनका पूरा असर ही खत्म हो जाता है. ये फोंट्स भले ही किसी क्रिएटिव प्रोजेक्ट, बच्चों की पार्टी के निमंत्रण या किसी फन एक्टिविटी के लिए ठीक हों, लेकिन एक गंभीर माहौल में ये बिल्कुल बचकाने लगते हैं. मैं आपको बताऊं, मुझे एक बार एक बिज़नेस प्रपोज़ल मिला था जो Comic Sans में लिखा था. सच कहूँ तो, उसे देखते ही मेरी आधी गंभीरता तो वहीं खत्म हो गई थी! ऐसा लगता है जैसे किसी बच्चे ने अपना होमवर्क भेजा हो, न कि कोई कंपनी अपनी सेवाएं दे रही हो. ये फोंट्स पढ़ने में इतने मुश्किल होते हैं कि पाठक की आँखें थक जाती हैं और वो आपके मैसेज पर ध्यान ही नहीं दे पाता. मेरा मानना है कि आपके कंटेंट की गंभीरता फोंट से भी झलकनी चाहिए, न कि फोंट ही आपके कंटेंट से ज़्यादा शोर मचाने लगे.

अनजान और डिवाइस-असंगत फोंट्स

문서 작성 시 사용할 수 없는 폰트 사례 - **Prompt:** A vibrant, collaborative design studio filled with natural light, where a diverse team o...

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका बनाया हुआ डॉक्यूमेंट किसी और के कंप्यूटर पर खोलने पर अजीब क्यों दिखता है? फोंट बदलने से टेक्स्ट का अलाइनमेंट और स्पेसिंग बिगड़ जाती है. यह तब होता है जब आप ऐसा फोंट इस्तेमाल करते हैं जो सभी सिस्टम या डिवाइस पर सपोर्ट नहीं करता. मुझे याद है जब मैंने एक बार एक प्रेजेंटेशन अपने दोस्त को भेजी थी, और उसके लैपटॉप पर सब कुछ अलग-अलग दिख रहा था. मेरी सारी मेहनत पर पानी फिर गया था! इसलिए, हमेशा ऐसे फोंट्स का चुनाव करें जो हर जगह, हर डिवाइस पर सही दिखें. यह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन यह आपके काम की विश्वसनीयता और प्रभाव को बहुत बढ़ा देती है. कुछ फोंट्स सिर्फ़ कुछ खास सिस्टम पर ही दिखते हैं, और जब वे किसी दूसरे सिस्टम पर नहीं मिलते, तो सिस्टम अपने आप कोई डिफ़ॉल्ट फोंट लगा देता है, जो आपके पूरे डिज़ाइन को खराब कर सकता है.

पढ़ने में मुश्किल, आँखें थक जाएँ: इन फोंट्स से बचें

बहुत ज़्यादा पतला या बहुत ज़्यादा मोटा फोंट

मैंने अक्सर देखा है कि लोग अपने डॉक्यूमेंट्स को ‘मॉडर्न’ या ‘मिनिमलिस्ट’ दिखाने के चक्कर में इतने पतले फोंट चुन लेते हैं कि उन्हें पढ़ना एक चुनौती बन जाता है. खासकर, जब स्क्रीन पर या कम रोशनी में इन्हें पढ़ना हो, तो आँखों पर बहुत ज़ोर पड़ता है. दूसरी तरफ, कुछ लोग सोचते हैं कि जितना मोटा फोंट होगा, उतना ही उनका मैसेज ‘इम्पोर्टेंट’ लगेगा. लेकिन सच कहूँ तो, बहुत ज़्यादा बोल्ड या मोटा फोंट भी पढ़ने वाले को थका देता है और उसे ऐसा लगता है जैसे उस पर चिल्लाया जा रहा हो. बैलेंस बहुत ज़रूरी है. मेरी सलाह है कि आप ऐसे फोंट्स चुनें जिनकी मोटाई (weight) मीडियम हो, ताकि वे आसानी से पढ़े जा सकें और आँखों को सुकून दें. मेरा खुद का अनुभव बताता है कि जब आप मीडियम वेट वाले sans-serif फोंट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो डिजिटल डॉक्यूमेंट्स में रीडेबिलिटी काफी बढ़ जाती है.

डिस्प्ले या सजावटी फोंट्स का गलत उपयोग

डिस्प्ले फोंट्स डिज़ाइन में जान डालने का काम करते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. मैंने कई बार देखा है कि लोग इन्हें हेडिंग्स के बजाय पूरे पैराग्राफ में इस्तेमाल कर लेते हैं, जो किसी भी डॉक्यूमेंट को अव्यवस्थित और पढ़ने में असहज बना देता है. कल्पना कीजिए, एक लंबी रिपोर्ट पूरी तरह से ऐसे फोंट में लिखी हो जो सिर्फ़ एक-दो शब्दों के लिए बना हो – क्या आप उसे पूरा पढ़ेंगे? शायद नहीं! इन फोंट्स का काम होता है ध्यान खींचना, न कि कंटेंट को मुश्किल बनाना. इन्हें सिर्फ़ टाइटल, लोगो, या छोटे-छोटे डिज़ाइन एलिमेंट्स के लिए इस्तेमाल करें. मुझे याद है, एक बार एक ब्रोशर में मैंने देखा, मेन बॉडी टेक्स्ट भी ऐसे ही एक सजावटी फोंट में लिखा था, मुझे उसे पढ़ने में इतनी दिक्कत हुई कि मैंने बीच में ही छोड़ दिया. आपके डिज़ाइन की 50% इंप्रेशन सिर्फ़ फ़ॉन्ट पर डिपेंड करती है.

Advertisement

आपके ब्रांड की इमेज खराब करने वाले फोंट

गंभीर विषयों के लिए बचकाने फोंट्स

दोस्तों, जैसा कि हम सब जानते हैं, हर फोंट का अपना एक मिजाज़ होता है. कुछ फोंट्स मस्ती भरे होते हैं, कुछ गंभीर, और कुछ एकदम औपचारिक. जब आप एक बिज़नेस प्रेजेंटेशन या कोई लीगल डॉक्यूमेंट बना रहे हों, तो Comic Sans जैसे फोंट्स का इस्तेमाल करना आपकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सकता है. लोग इसे अक्सर बचकाना और गैर-पेशेवर मानते हैं. मुझे एक बार एक कानूनी नोटिस मिला था जिसमें एक फोंट का इस्तेमाल किया गया था जो बहुत ही हल्का और मज़ाकिया लग रहा था. सोचिए, क्या आप ऐसी चीज़ को गंभीरता से ले पाएंगे? बिल्कुल नहीं! आपका फोंट आपके ब्रांड की पहचान होता है. अगर आप चाहते हैं कि लोग आपके काम को गंभीरता से लें, तो आपके फोंट भी वैसे ही होने चाहिए. मुझे लगता है कि यह एक ऐसी गलती है जिससे हर कीमत पर बचना चाहिए.

कॉपीराइट वाले या कम उपलब्धता वाले फोंट्स

एक और बात जो मुझे अक्सर परेशान करती है, वो है कॉपीराइट वाले या बहुत कम उपलब्ध फोंट्स का इस्तेमाल. आप किसी फोंट को बहुत पसंद करते हैं और उसे अपने ब्रांड के लिए चुन लेते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उसे हर जगह इस्तेमाल करने की लाइसेंसिंग बहुत महंगी है, या फिर वो दूसरों के सिस्टम पर दिखता ही नहीं. यह आपके ब्रांड की कंसिस्टेंसी को खराब कर सकता है. मेरी राय में, Google Fonts जैसे प्लेटफॉर्म से फ्री और व्यापक रूप से उपलब्ध फोंट्स चुनना हमेशा एक अच्छा विचार होता है. इससे आपको भविष्य में कोई परेशानी नहीं होती और आपका काम हर जगह एक जैसा दिखता है. मुझे एक बार ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करने का अनुभव हुआ था जहाँ क्लाइंट ने एक बहुत ही अनोखा फोंट चुना था, लेकिन बाद में पता चला कि वह प्रिंटिंग के लिए उपलब्ध ही नहीं था! तब हमें आखिरी समय में सब कुछ बदलना पड़ा, जिसमें बहुत समय और पैसा बर्बाद हुआ.

गलत फोंट समस्या प्रभाव
Comic Sans, Papyrus बचकाना, गैर-पेशेवर क्रेडिबिलिटी कम करता है, पाठक गंभीरता से नहीं लेते.
बहुत पतला/मोटा फोंट पढ़ने में मुश्किल, आँखों पर ज़ोर पाठक जल्दी थक जाता है, कंटेंट स्किप कर सकता है.
अत्यधिक सजावटी फोंट अव्यवस्थित, मुख्य संदेश से ध्यान भटकाता है डिज़ाइन को खराब करता है, कंटेंट समझ में नहीं आता.
अनजान/डिवाइस-असंगत फोंट हर जगह एक जैसा नहीं दिखता डॉक्यूमेंट की फॉर्मेटिंग बिगड़ जाती है, ब्रांड इमेज खराब होती है.

प्रेजेंटेशन में सबसे बड़ी गलती: गलत फोंट

बहुत छोटे या अस्पष्ट फोंट

सोचिए, आप एक बड़ी प्रेजेंटेशन दे रहे हैं, और पीछे बैठे लोगों को स्क्रीन पर दिख रही चीज़ें ठीक से दिख ही नहीं रही हैं. कितनी अजीब बात होगी, है ना? मैंने खुद कई बार ऐसी प्रेजेंटेशन देखी हैं जहाँ फोंट इतने छोटे या इतने धुंधले होते हैं कि पीछे वाली लाइन में बैठे व्यक्ति को कुछ समझ ही नहीं आता. ऐसे में आपकी सारी मेहनत, आपकी जानकारी, सब बेकार हो जाती है. प्रेजेंटेशन का मतलब है कि आपकी बात हर किसी तक पहुंचे, और इसके लिए फोंट का साइज और उसकी स्पष्टता बहुत मायने रखती है. मेरा अनुभव है कि 18-24 पॉइंट का फोंट साइज़ आमतौर पर सबसे अच्छा रहता है, और अगर आप कोई विशेष जानकारी देना चाहते हैं तो उसे थोड़ा और बड़ा कर सकते हैं.

एक साथ बहुत सारे फोंट्स का प्रयोग

कई बार लोग सोचते हैं कि अगर वे अपनी प्रेजेंटेशन में अलग-अलग तरह के फोंट्स का इस्तेमाल करेंगे तो वह बहुत आकर्षक लगेगी. लेकिन दोस्तों, यह एक बहुत बड़ी गलती है! एक ही प्रेजेंटेशन में तीन या चार से ज़्यादा फोंट्स का इस्तेमाल करना उसे बहुत ही अनप्रोफेशनल और अस्त-व्यस्त बना देता है. ऐसा लगता है जैसे किसी ने हर स्लाइड पर कुछ नया करने की कोशिश की हो और अंत में सब गड़बड़ हो गया हो. मेरे हिसाब से, दो फोंट्स का कॉम्बिनेशन सबसे अच्छा रहता है – एक हेडिंग के लिए और दूसरा बॉडी टेक्स्ट के लिए. इससे एक संतुलन बना रहता है और आपकी प्रेजेंटेशन देखने में भी अच्छी लगती है और पढ़ने में भी आसान होती है.

Advertisement

जब फोंट आपकी बात से ज़्यादा शोर मचाएँ

अस्पष्ट टाइपोग्राफी जो कंटेंट से भटकाए

फोंट का चुनाव सिर्फ़ स्टाइल के लिए नहीं, बल्कि पढ़ने की सहूलियत (readability) के लिए भी होता है. मैंने ऐसे डॉक्यूमेंट्स देखे हैं जहाँ फोंट की स्टाइल इतनी अजीब होती है कि आपको उसे समझने में ही दिमाग लगाना पड़ता है. ऐसा लगता है जैसे फोंट खुद ही अपनी कहानी सुना रहा हो, और असली कंटेंट कहीं पीछे छूट गया हो. मेरा मानना है कि फोंट ऐसा होना चाहिए जो आपके कंटेंट को सपोर्ट करे, न कि उससे प्रतिस्पर्धा करे. जब फोंट बहुत ज़्यादा चमक-दमक वाला होता है या उसकी बनावट बहुत जटिल होती है, तो पाठक का ध्यान कंटेंट से हटकर फोंट की तरफ चला जाता है, और यह आपके मैसेज के लिए अच्छा नहीं होता.

अनाड़ी फ़ॉन्ट पेयरिंग

फोंट्स को एक साथ इस्तेमाल करना, यानी फ़ॉन्ट पेयरिंग, एक कला है. अगर इसे सही तरीके से न किया जाए, तो यह आपके डॉक्यूमेंट को बहुत खराब दिखा सकता है. मुझे याद है, एक बार एक न्यूज़लेटर में मैंने देखा कि हेडिंग के लिए एक बहुत ही फैंसी, डेकोरेटिव फोंट था और उसके ठीक नीचे बॉडी टेक्स्ट के लिए एक बहुत ही साधारण, सपाट फोंट का इस्तेमाल किया गया था. यह बिल्कुल बेमेल लग रहा था और पढ़ने में भी अच्छा नहीं लग रहा था. जैसे कपड़े पहनते समय हम रंगों और स्टाइल का ध्यान रखते हैं, वैसे ही फोंट्स के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए. Serif और Sans-serif फोंट्स का सही कॉम्बिनेशन आमतौर पर अच्छा काम करता है, लेकिन इसे समझदारी से चुनना बहुत ज़रूरी है. आपको ऐसे फोंट्स चुनने चाहिए जो एक-दूसरे के पूरक हों, न कि एक-दूसरे से लड़ते हुए दिखें.

फोंट जो आपकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाएँ

असंगत फोंट स्टाइल और साइज़

एक प्रोफेशनल डॉक्यूमेंट या प्रेजेंटेशन में consistency बहुत मायने रखती है. यदि आप अपने डॉक्यूमेंट में हर पैराग्राफ या हर सेक्शन में अलग-अलग फोंट स्टाइल और साइज़ का उपयोग करते हैं, तो यह बहुत ही गैर-पेशेवर लगता है. मेरा अनुभव कहता है कि ऐसा करने से पाठक को लगता है कि आपने डॉक्यूमेंट पर ठीक से काम नहीं किया है या आप लापरवाह हैं. इससे आपकी विश्वसनीयता कम हो जाती है. आपको यह तय करना चाहिए कि आप हेडिंग के लिए कौन सा फोंट इस्तेमाल करेंगे, सब-हेडिंग के लिए कौन सा, और बॉडी टेक्स्ट के लिए कौन सा. साथ ही, उनके साइज़ भी एक जैसे होने चाहिए. यह छोटी सी बात आपके काम को बहुत ही पॉलिश और विश्वसनीय दिखा सकती है.

खराब रीडेबिलिटी वाले स्क्रिप्ट फोंट्स

स्क्रिप्ट फोंट्स, जो हाथ से लिखे हुए जैसे दिखते हैं, बहुत खूबसूरत हो सकते हैं, लेकिन इनकी रीडेबिलिटी अक्सर बहुत खराब होती है. इन्हें पढ़ना बहुत मुश्किल होता है, खासकर जब टेक्स्ट लंबा हो या साइज़ छोटा हो. मुझे एक बार एक इनविटेशन मिला था जिसमें सारी जानकारी ऐसे ही एक स्क्रिप्ट फोंट में लिखी थी, और मुझे उसे पढ़ने के लिए बहुत ज़ोर लगाना पड़ा. ऐसे फोंट्स का इस्तेमाल सिर्फ़ बहुत छोटे, सजावटी टेक्स्ट, जैसे कि किसी नाम या किसी विशेष कोटेशन के लिए ही करें. मुख्य जानकारी के लिए हमेशा ऐसे फोंट्स चुनें जो पढ़ने में आसान हों, भले ही वे थोड़े कम “कलात्मक” लगें. आखिरकार, आपके मैसेज को समझना सबसे ज़रूरी है.

Advertisement

글을마치며

तो मेरे प्यारे दोस्तों, आज हमने उन फोंट्स के बारे में बात की जिनसे हमें बचकर रहना चाहिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे अनुभव और ये सारी बातें आपको अपने डॉक्यूमेंट्स को और भी ज़्यादा प्रोफेशनल और प्रभावशाली बनाने में मदद करेंगी. याद रखिए, सही फोंट का चुनाव सिर्फ़ डिज़ाइन का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह आपके मैसेज को सही ढंग से पहुँचाने और आपकी विश्वसनीयता को बनाए रखने का एक बहुत ही अहम तरीका है. अगली बार जब आप कोई डॉक्यूमेंट बना रहे हों, तो इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखिएगा!

알ा두면 쓸모 있는 정보

1. रीडेबिलिटी हमेशा पहले: मुझे ऐसा लगता है कि आपके फोंट का सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम है पढ़ने में आसान होना. मैंने खुद देखा है कि जब फोंट साफ नहीं होता, तो लोग कंटेंट को पूरा नहीं पढ़ते और स्किप कर जाते हैं. इसलिए, ऐसे फोंट चुनें जो विभिन्न स्क्रीन साइज़ और प्रिंट मीडिया पर आसानी से पढ़े जा सकें. अपनी आंखें बंद करके सोचिए, क्या कोई इसे बिना ज़्यादा ज़ोर लगाए पढ़ पाएगा?
2. सही फोंट पेयरिंग का जादू: दोस्तों, मैंने सालों के अनुभव से सीखा है कि दो फोंट्स का सही मेल आपके डिज़ाइन को चार-चांद लगा सकता है! आमतौर पर, हेडिंग के लिए एक आकर्षक Serif फोंट और बॉडी टेक्स्ट के लिए एक साफ Sans-serif फोंट का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा काम करता है. यह एक संतुलन बनाता है और आपके डॉक्यूमेंट को एक प्रोफेशनल लुक देता है, ठीक जैसे किसी अच्छे आउटफिट में सही एक्सेसरीज़ जान डाल देती हैं.
3. फोंट हायरार्की को समझें: क्या आप जानते हैं कि एक ही डॉक्यूमेंट में फोंट के साइज़ और स्टाइल में अंतर करके आप पाठक को गाइड कर सकते हैं? यह ऐसा है जैसे एक कहानी में अलग-अलग किरदारों को अलग-अलग आवाज़ देना. हेडिंग, सब-हेडिंग और बॉडी टेक्स्ट के लिए अलग-अलग साइज़ या वेट का इस्तेमाल करें ताकि पाठक को तुरंत समझ आ जाए कि कौन सी जानकारी ज़्यादा महत्वपूर्ण है और क्या सिर्फ़ विवरण है. मैंने अक्सर देखा है कि जब यह हायरार्की सही होती है, तो कंटेंट को समझना बहुत आसान हो जाता है.
4. डिवाइस और ब्राउज़र पर टेस्टिंग ज़रूरी: मैंने कई बार ऐसी गलती की है कि अपने कंप्यूटर पर सब कुछ सही दिखने के बाद भी, जब मैंने किसी और के डिवाइस या किसी अलग ब्राउज़र पर अपना डॉक्यूमेंट खोला तो वह अलग दिख रहा था. यह बहुत ही निराशाजनक अनुभव होता है! इसलिए, हमेशा अपने चुने हुए फोंट को अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम, डिवाइस और वेब ब्राउज़र पर टेस्ट करें. इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपका काम हर जगह वैसा ही दिखेगा जैसा आपने डिज़ाइन किया है.
5. एक्सेसिबिलिटी का ध्यान रखें: क्या आपने कभी सोचा है कि आपका डॉक्यूमेंट उन लोगों के लिए कैसा होगा जिन्हें देखने में थोड़ी परेशानी होती है? मैंने हमेशा कोशिश की है कि मेरे कंटेंट को हर कोई आसानी से पढ़ सके. इसलिए, फोंट साइज़ को बहुत छोटा न रखें और सुनिश्चित करें कि टेक्स्ट और बैकग्राउंड के बीच पर्याप्त कंट्रास्ट हो. यह न केवल उन लोगों की मदद करता है जिन्हें देखने में दिक्कत होती है, बल्कि यह हर किसी के लिए पढ़ने के अनुभव को बेहतर बनाता है और आपकी विश्वसनीयता को बढ़ाता है क्योंकि आप हर किसी का ध्यान रखते हैं.

Advertisement

महत्वपूर्ण 사항 정리

दोस्तों, इस पूरी बातचीत से हमने यह सीखा है कि फोंट सिर्फ़ शब्दों को लिखने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह आपके काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. मेरा अपना अनुभव यह कहता है कि फोंट का सही चुनाव आपके डॉक्यूमेंट की विश्वसनीयता, ब्रांड इमेज और सबसे बढ़कर, आपके पाठक के अनुभव पर सीधा असर डालता है. अगर आप चाहते हैं कि आपका मैसेज साफ, प्रभावशाली और याद रखने लायक बने, तो फोंट के चुनाव में कभी भी जल्दबाजी न करें. हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि फोंट आपके कंटेंट को सपोर्ट करे, न कि उससे ध्यान भटकाए. एक ऐसा फोंट चुनें जो प्रोफेशनल लगे, पढ़ने में आसान हो और आपके ब्रांड की पहचान को दर्शाता हो. याद रखें, एक अच्छा फोंट आपके काम को चुपचाप बढ़ावा देता है, जबकि एक बुरा फोंट आपकी सारी मेहनत को बर्बाद कर सकता है. तो, अगली बार फोंट चुनते समय, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक समझदारी भरा चुनाव कीजिएगा और देखिएगा कि आपके काम में कितनी जान आ जाती है! आपकी मेहनत और आपकी समझदारी ही आपको अलग पहचान दिलाएगी.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖

प्र: कौन से फ़ॉन्ट्स हैं जिनसे हमें हर हाल में दूर रहना चाहिए और क्यों?

उ: अरे हाँ, यह तो सबसे ज़रूरी सवाल है! देखिए, कुछ फ़ॉन्ट्स ऐसे हैं जो इतने ज़्यादा इस्तेमाल हो चुके हैं और इतने गलत तरीक़े से इस्तेमाल हुए हैं कि अब वे बिलकुल भी प्रोफ़ेशनल नहीं लगते.
इनमें सबसे ऊपर आता है Comic Sans! याद है स्कूल के प्रोजेक्ट्स या बच्चों के जन्मदिन के कार्ड? बस वही फीलिंग आती है इसे देखकर.
यह फ़ॉन्ट मज़ाकिया और बचकाना लगता है, इसलिए अगर आप कोई सीरियस रिपोर्ट, बिज़नेस प्रेजेंटेशन या रेज़्यूमे बना रहे हैं, तो इससे दूर ही रहें. फिर आता है Papyrus!
यह फ़ॉन्ट कुछ ज़्यादा ही ‘प्राचीन’ या ‘विदेशी’ दिखने की कोशिश करता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह अब बस घिसा-पिटा और अनाड़ी लगता है. मैंने तो एक बार एक लीगल डॉक्यूमेंट में यह फ़ॉन्ट देखा था, यकीन मानिए, पूरी बात ही हल्की लगने लगी थी!
और हाँ, Curlz MT या Bradley Hand जैसे फ़ॉन्ट्स भी हैं जो बहुत ज़्यादा सजावटी होते हैं. इन्हें पढ़ना बहुत मुश्किल होता है और ये आपके काम को बिलकुल भी प्रोफ़ेशनल नहीं दिखाते.
ऐसे फ़ॉन्ट्स का चुनाव करके आप अपनी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं, इसलिए इनसे बचकर रहना ही बेहतर है.

प्र: खराब फ़ॉन्ट्स का इस्तेमाल करने से हमारे काम पर क्या असर पड़ता है?

उ: दोस्तो, इसका सीधा असर आपके काम की पूरी इमेज पर पड़ता है! सोचिए, आपने घंटों लगाकर कोई शानदार कंटेंट तैयार किया है, लेकिन अगर आपने खराब फ़ॉन्ट चुन लिया, तो क्या होगा?
सबसे पहले तो, यह आपकी प्रोफ़ेशनलिज़्म पर सवाल उठाता है. सामने वाले को लगेगा कि आपने अपने काम में गंभीरता नहीं दिखाई, या आपको अच्छी जानकारी नहीं है.
मैंने खुद महसूस किया है कि जब मैं किसी ऐसे डॉक्यूमेंट को देखता हूँ जिसमें बेतुका फ़ॉन्ट होता है, तो मेरा ध्यान कंटेंट से ज़्यादा फ़ॉन्ट की अजीबोगरीबी पर चला जाता है.
इससे पढ़ने में भी परेशानी होती है, और जब लोग आसानी से पढ़ नहीं पाते, तो आपका मैसेज उन तक ठीक से पहुँच ही नहीं पाता. मान लीजिए, आप किसी क्लाइंट को प्रपोज़ल भेज रहे हैं और उसमें Comic Sans का इस्तेमाल किया है, तो क्लाइंट के मन में आपकी कंपनी को लेकर क्या इमेज बनेगी?
वो यही सोचेगा कि आप गंभीर नहीं हैं. यह आपके ब्रांड की साख को नुकसान पहुँचा सकता है और पहली नज़र में ही आपके काम को ‘हल्का’ या ‘अनाड़ी’ दिखा सकता है.
इसलिए, फ़ॉन्ट का चुनाव हल्के में न लें, यह आपके काम का चेहरा है!

प्र: अगर मुझे कोई अनोखा या क्रिएटिव लुक चाहिए, तो क्या मैं फिर भी इन फ़ॉन्ट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकता?

उ: यह एक बहुत ही जायज़ सवाल है और मैं इसे अच्छी तरह समझता हूँ! हम सब चाहते हैं कि हमारा काम दूसरों से अलग और हटकर दिखे. लेकिन मेरे प्यारे दोस्त, ‘अनोखा’ और ‘अव्यवसायिक’ में ज़मीन-आसमान का फ़र्क होता है.
मुझे भी लगता था कि कुछ अलग ट्राई करना चाहिए, लेकिन अपने अनुभवों से मैंने सीखा है कि इन ‘ख़राब’ फ़ोंट्स को इस्तेमाल करके आप शायद ‘अनोखे’ की बजाय ‘अजीब’ ही दिखेंगे.
ये फ़ोंट्स अब इतने ज़्यादा इस्तेमाल हो चुके हैं और इतने गलत संदर्भों में इस्तेमाल हुए हैं कि इन्होंने अपनी सारी नवीनता खो दी है. अब ये क्रिएटिव नहीं, बल्कि घिसे-पिटे लगते हैं.
अगर आपको सच में क्रिएटिव और अनोखा लुक चाहिए, तो ऐसे अनप्रोफ़ेशनल फ़ोंट्स के बजाय, आप कई ऐसे आधुनिक, स्टाइलिश और फिर भी पढ़ने में आसान फ़ोंट्स चुन सकते हैं जो आपके काम को एक नया आयाम देंगे.
सोचिए, क्या कोई बड़ा डिज़ाइनर अपने पोर्टफोलियो में Papyrus का इस्तेमाल करेगा? शायद नहीं! अपनी क्रिएटिविटी को ऐसे फ़ोंट्स में मत फँसाइए जो आपके असली टैलेंट को छिपा दें.
हमेशा याद रखें, सबसे अच्छी क्रिएटिविटी वह होती है जो प्रभावशाली होने के साथ-साथ समझने में भी आसान हो.

📚 संदर्भ